पूर्वी लद्दाख में भारत से तनातनी के बीच नरमी के संकेत देते हुए चीन ने सोमवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों को हटाने के लिए सहमति बनी है और इसे जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए। भारत और चीन के बीच पिछले महीने लद्दाख के गलवान घाटी में हुई सैन्य हिंसा में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे जबकि चीनी सैनिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था।
बीजिंग ने वर्तमान द्विपक्षीय संबंधों को ‘जटिल स्थिति’ करार देते हुए कहा कि दोनों पक्षों को “रणनीति निर्णय का पालन करना कि वे एक दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं।“ चीन के विदेश मंत्री वांग यी और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर अजीत डोभाल के बीच रविवार को हुई बातचीत के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने एक जारी बयान में कहा कि पिछले महीने के सीमा पर संकट के समाधान को लेकर हाल में सैन्य और कूटनीतिक बातचीत का नई दिल्ली और बीजिंग ने स्वागत किया है।
वांग 30 जून की बैठक और पिछले दो प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता का हवाला दे रहे थे, जिसमें एक लेह के 14वे कॉर्प्स कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और साउथ जिनजियांग मिलिट्री रिजन के मेजर जनरल लियू लिन के बीच हुई थी।
सोमवार को शाम को जारी बयान में कहा गया, “दोनों देशों के बीच हाल में सैन्य और कूटनीतिक बैठको में जो प्रगति हुई है उसका दोनों पक्ष स्वागत करता है। इस बात पर सहमति बनी है कि बातचीत और सलाह-मशविरा जारी रखेंगे। इसके साथ ही, यह जोर दिया गया है कि दोनों देशों के कमाडर स्तर पर की वार्ता में जो सहमित बनी है उसे जल्द से जल्द लागू करने पर जोर दिया जाएगा ताकि दोनों पक्षों की अग्रिम चौकियों पर तनाव कम करने की प्रक्रिया पूरी की जा सके।”
चीन का बयान ऐसे वक्त पर आया जब कुछ देर पहले सोमवार की दोपहर बाद भारत की तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि दोनों पक्षों में सहमित बनी है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास टकराव कम करने की प्रक्रिया जल्द तेज किया जाएगा। साथ ही, सीमा के इलाकों में चरणबद्ध तरीके से तनाव कम करना सुनिश्चित किया गया।
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